
मुझे निराश देख कर और मेरा खड़ा लण्ड देखकर उन दोनों ने एक दूसरे को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया। रेशमा बेड पर कुत्तिया कि तरह झुक गयी और नसरीन ने मेरा लण्ड पकड़ कर रेशमा की गाँड के छेद पर रख दिया। मैं समझ गया और बोला कि “दर्द होगा तो?” रेशमा बोली, “थोड़ा सा तो होगा पर गाँड मरवाने का भी अपना ही मज़ा है! फिर भी तू धीरे से करना... तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही लंबा-मोटा है! और हाँ... मैं कितनी भी चींखूँ या छटपटाऊँ... तू रुकना मत!”
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