
एक उमस भरी, गर्म चांदनी रात थी। गाँव की हवेली की छत पर चांदनी पिघल रही थी, और हवा में कामुकता की महक तैर रही थी। आरव, एक 28 साल का जवान, मर्दाना जिस्म वाला लड़का, अपनी भाभी मायरा के साथ उस रात अकेला था। मायरा, 32 साल की गोरी, गदराई भाभी, जिसकी चूचियां उसकी टाइट ब्लाउज में कैद होने को तड़प रही थीं, और उसकी मटकती गांड हर कदम पर ललचा रही थी। उसकी गहरी नाभि और सांवली चूतड़ों की उभरी लकीरें आरव को रातों-रात पागल कर रही थीं।
मायरा का पति, यानी आरव का बड़ा भाई, शहर में नौकरी के सिलसिले में गया हुआ था। हवेली में सिर्फ आरव, मायरा, और उनकी बेकाबू वासना थी। उस रात, मायरा ने एक पतली, पारदर्शी साड़ी पहनी थी, जो उसकी गोरी चूचियों और गहरी क्लीवेज को बमुश्किल छुपा रही थी। उसकी नंगी कमर पर पसीने की बूंदें चमक रही थीं, और उसकी साड़ी का पल्लू बार-बार सरककर उसकी मोटी गांड को उभार रहा था। आरव की नजरें मायरा की चूतड़ों पर अटकी थीं, और उसका लंड उसके पायजामे में तनकर बेकरार हो रहा था।
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