
दो दिन बाद शीतल और अशोक वापिस आते है. इसके बाद भी इन भाई-बहनो के बिच चुदाई बंद नहीं होती है. कारन है - इन तीनो का घर में एक ही कमरा होना. रात को तीनो को चुदाई करने का पूरा मौका मिलता और तीनो इस मौके को कभी जाने नहीं देते, बस दुःख ये था की तीनो खुलकर उस दिन जैसा चुदाई नहीं कर पा रहे थे. उनके माता-पिता को भनक तक नहीं थी की उनके बच्चे आपस में भी चुदाई कर रहे है. एक रात को तीनो के इस ख़ामोशी भरे चुदाई के बाद बातचीत शुरू होती है.
रजत (मायूसी से): "ऐसे तो अब मजा ही नहीं आ रहा यार... "













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